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पशुपालन

पशुपालन विभाग की पृथक रूप से स्थापना वर्ष 1944 में की गयी। इससे पूर्व सिविल वेटरिनरी डिपार्टमेन्ट एवं कृषि विभाग द्वारा ही पशुपालन सम्बन्धी कार्य सम्पादित किये जाते थे । उस समय पशुपालन विभाग मुख्यत¢ पशु रोग नियंत्रण एवं अश्व प्रजनन का कार्य करता था । बाद में पशुपालन विभाग की पृथक रूप से स्थापना होने पर पशुपालन का सर्वाग्रीण विकास करने हेतु पशु चिकित्सा एवं रोग नियंत्रण के साथ साथ पशुधन विकास , प्रजनन एवं चारा विकास आदि कार्यक्रम भी आरम्भ किये गये। वर्तमान में पशुपालन विभाग ग्राम्य विकास से सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण विभाग है जो किसानों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु संकल्पित है।

पशुपालन विभाग जनपद हापुड़ में वर्तमान समय में 17 पशुचिकित्सालयों, 4 ‘‘द’’ श्रेणी औषाधलयों तथा 28 पशु सेवा केन्द्रों के माध्यम से पशु चिकित्सा एवं रोगों के रोकथाम हेतु निरन्तर सेवायें उपलब्ध करायी जा रही है। जनपद के प्रत्येक विकास खण्ड में पशु चिकित्सालय तथा पशु सेवा केन्द्र उपलब्ध हैं।

विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं का उद्देश्य:-

  1.  समन्वित पशु स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रमों द्वारा पशुधन को स्वस्थ रखना तथा उसकी पूर्ण क्षमता का उपयोग।
  2.  विभागीय एवं वैज्ञानिक नीतियों से विभिन्न पशुधन की प्रजनन व उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी तथा स्वदेशी पशुधन प्रजातियों का संरक्षण एवं संवर्धन करना।
  3.  पशुधन हेतु पर्याप्त चारा एवं पोषण की व्यवस्था करना तथा उन्नत पशु प्रबन्धन विधियों का प्रचार प्रसार करना।
  4.  ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों को गाँवों में ही स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उनका सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन तथा उद्यमिता विकास और उसमें व्यवसायिक विविधिकरण हेतु चेतना जागृत करना।
  5.  गो नस्ल, गोवंशीय पशुओं की अवैध तस्करी/परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण रखना ।
  6.  जनपद में विभिन्न पशुधन उत्पादों की क्षमता में वृद्धि कर दूध, ऊन, अण्डा व मांँस आदि का उत्पादन बढ़ाना।

पशुपालको को सुविधायें –

1. पशुचिकित्सालयों पर सुविधायें:

  •  टीकाकरण
  •  चिकित्सा
  •  कृत्रिम गर्भाधान एवं गर्भ परीक्षण
  •  बधियाकरण
  •  चारा बीज (मांग पर)
  •  उन्नत पशुपालन विधियो को अपनाने हेतु सलाह
  •  पशु स्वास्थ्य परीक्षण
  •  प्राथमिक रोग निदान जांच
  •  शव विच्छेदन

2. पशुपालक के द्वार पर सुविधायें:

  •  पशुपालको के द्वार पर कृत्रिम गर्भाधान
  •  टीकाकरण
  •  आपात चिकित्सा

3. पशु सेवा केन्द्रो पर सुविधायें:

  •  प्राथमिक चिकित्सा
  •  टीकाकरण
  •  बधियाकरण
  •  कृत्रिम गर्भाधान एवं गर्भ परीक्षण
  •  चारा बीज (मांग पर)